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Love starts with silence
Persists with surveillance
And ends with violence .
ये फूल नहीं तेरा अक्ष हैं
घर से बाहर तेरा कक्ष हैं
हर ओर तेरी अनुभूति इनका लक्ष्य है
प्यार अपना अक्षय‌ है।।
चांद सी महबूबा पाने के लिए
रात्रि जैसा विशाल और शांत जिगर चाहिए
क्योंकि महबूबा के अंदाज भी चन्द्रकलाओं
की भांति ही बदलते रहते हैं।।
आंख मिल जाने से
कोई मिल नहीं जाता
हां शायर जरूर बना देता
शायरी लिखते-लिखते
जब कभी दीदार हो जाता
लफ्ज़ इतने जहन में बैठ जाते
कि हकीकत हजम‌ नही होता।।
कश्ती चलते - चलते मैली हुई
सोचा किनारों से पूछें कोई हल
देखा किनारों का जब हाल
पाया खुद को इनसे खुशहाल सूरत-ए-हाल।।
तेरी‌ निशानियां नहीं
ये तेरी कुर्बानियां हैं
जीवन के संघर्षों में
मुझ पे मेहरबानियां हैं।।
यारी वह आरी‌ है
जो‌ बड़ी से बड़ी दु:ख
की रात काट सकती है
जुल्फ वो घटाएं हैं
जो बिन बरसे ही
लताओं का आभास
करा सकती हैं।।
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